Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2022

दहेज के लिए एक बेटी की गुहार

 बेटी को पिता ने बड़े शौक से पाला था
हुई उम्र शादी की,तो रिश्ते तमाम ढूंढे 
शादी की हुई मंजूरी दहेज बहुत जरूरी
ये कह एक पिता को हताश कराया था
जिस पिता ने अपनी बेटी की हर खुशी 
मानी दहेज की भी कर ली मनमानी
मांगी कार , ए सी और पांच लाख रुपए
खिसक गए पैर जमीन से मुस्करा के उस पिता
ने जल्द ही शादी होगी
ये सोच हां किया था दहेज बिन रिश्ते तमाम टूटे
रख गिरवी जमीन की हो जायेगा इंतजाम
फिर भी कम पड़ गए रूपये बाप हो गया निराश
बेटी को पता न चले उसकी खुशी के खातिर 
कर लिया उधार
हुई शादी खुशियों से एक पिता ने खूब रोया
कहां से होगा ये कर्ज पूरा ये सोच पूरी रात न सोया
बेटी विदा हो मायके जो आई आंगन में हंसी से छाई
ससुराल वालो ने लाखो रुपए में मुझे खरीद लिया है
ये सुन बाप बेटी से तू खुश तो है न बेटी ने रो कर हां जी बड़ा सुशील परिवार है
कैसे कह दे की ससुराल वालो ने फिर से रूपये
के लिए हाथ है फैलाए
परिवार क्या प्यार क्या ,दहेज के खातिर मुझे अपनाए है
खुद के बेटे को राजकुमार कहते है,दहेज  के रुपए से ऐश वो करते है
बेटियों में भी हिम्मत कम नही होती
गई ससुराल बिन रुपयों के हुआ फिर से तिरस्कार
झेली बहुत कुछ ,दहेज का करो बहिष्कार
उठाया जब कदम तो दी धमकी परिवार ने
जो हो वो भी नही बचेगी झुलूसूगी आग में
नारी के सम्मान की बात आती तो नारी कहां पीछे रह जाती है
गई पुलिस चौकी अदालत मे सबको खेरा
दहेज के लिए लोग ने कहा क्यों किया बखेड़ा
दहेज के जरिए कई रिश्ते बिगड़ जाते
दहेज चाहिए क्यों हाथ फैलाते हो
देंगे बेटी के पिता भी कुछ न कुछ 
क्यों अपने मुंह से दहेज की बोली लगाते हो।।।

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5 Comments

बहुत खूब

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Muskan khan

11-Dec-2022 12:57 PM

Superb

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Rajeev kumar jha

11-Dec-2022 12:09 PM

शानदार

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